श्रीसारदादेवी के अमृत संदेश (Amrit messages of Shri Saradadevi)
बेटा, जानते हो न ! ठाकुर का जगत् में प्रत्येक के प्रति मातृभाव था। जगत् में इसी मातृभाव के विकास के लिए मुझे इस बार रख गये हैं।
मैं सचभुच की माँ हूँ, गुरूपत्नी नहीं, बनायी हुई माँ नहीं, कहने की माँ नहीं – सचमुच की माँ हूँ।
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